जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के एक बयान से बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उन्होंने कहा है कि बिहार में एनडीए की वरिष्ठ साझीदार होने के नाते उनकी पार्टी (JDU) को आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की तुलना में अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए।
दोनों दलों ने इस साल लोकसभा चुनाव में समान संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ा था। किशोर ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'मेरे अनुसार लोकसभा चुनाव का फार्मूला विधानसभा चुनाव में दोहराया नहीं जा सकता।' वह हाल में सीएए और एनसीआर को लेकर भाजपा को लगातार निशाना बनाते आए हैं।
उन्होंने कहा, 'अगर हम 2010 के विधानसभा चुनाव को देखें जिसमें जदयू और भाजपा ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था तो यह अनुपात 1:1.4 था। अगर इसमें इस बार मामूली बदलाव भी हो, तो भी यह नहीं हो सकता कि दोनों दल समान सीटों पर चुनाव लड़ें।'
किशोर ने कहा, 'जदयू अपेक्षाकृत बड़ी पार्टी है जिसके करीब 70 विधायक हैं जबकि भाजपा के पास करीब 50 विधायक हैं। इसके अलावा, विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार को राजग का चेहरा बनाकर लड़ा जाना है।'
प्रशांत किशोर लगातार सीएए के खिलाफ हमलावर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में ट्वीट कर कहा था कि अभी तो एनआरसी की चर्चा नहीं हुई है का दावा करना सिर्फ एक कोशिश है कि CAA-NRC पर जो प्रदर्शन हो रहा है, उसे रोका जाए। मगर ये सिर्फ एक ब्रेक है, फुल स्टॉप नहीं। प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि नागरिकता संशोधन एक्ट पर सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार कर सकती है। अदालत से पक्ष में फैसला आने के बाद एक बार फिर से यह पूरी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बता दें कि प्रशांत किशोर एनआरसी को लेकर स्पष्ट कह चुके हैं कि बिहार में वह और उनकी सरकार इसे लागू नहीं होने देगी