प्रदूषण से घुटती सांसों को नेचुरल सिटी फॉरेस्ट में मिलेगी ‘ऑक्सीजन’

शहर को ऑक्सीजन देने व सैर करने वालों के लिए यह सिटी फॉरेस्ट बेहतर विकल्प होगा। शताब्दीनगर में प्रदूषण और वाहनों का दबाव भी नहीं है। शताब्दी नगर वैसे भी हरा-भरा है, ऐसे में फॉरेस्ट के विकसित हो जाने से वहां एक बड़ा ऑक्सीजन बैंक तैयार हो जाएगा।



इससे शहर की हवा साफ होने में भी सहायता मिलेगी। दैनिक जागरण चौराहे के पास संजय वन भी सिटी फॉरेस्ट है, जहां शहर के लोग अक्सर घूमने जाते हैं। इससे शहर को काफी ऑक्सीजन मिल जाती है।


शहर में रहकर भी आप प्रकृति के करीब रह सकेंगे और उसका अहसास कर सकेंगे। इसका तोहफा इसी साल मिल जाएगा। यह मुमकिन होगा 'नेचुरल सिटी फॉरेस्ट' में।


इसे विकसित करने के लिए एमडीए ने शताब्दीनगर में जमीन चिह्न्ति कर ली है। यहां सेक्टर-चार में 10 एकड़ जमीन पर यह फॉरेस्ट विकसित होगा। सिटी फॉरेस्ट गाजियाबाद में विकसित किया जा चुका है, उसी तर्ज पर यहां भी किया जाएगा।


एमडीए के चीफ इंजीनियर दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि वीसी के निर्देश पर इसकी कार्ययोजना बनाने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। जल्द इसे मूर्त रूप देने की योजना है।