केंद्रीय मंत्री वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी एक अच्छा कानून है और भारत जैसे बड़े देश के लिए आवश्यक है। इसलिए, यह कानून हमें सही और समय पर मिला। यह अरुण जेटली और पीएम मोदी का व्यक्तित्व था, जो राज्यों को जीएसटी मिला। उन्होंने कहा कि अधिक करों को कम करने में, ऋण शून्य हो गया और जीएसटी के एक चरण पर मूल रूप से सहमत होने वाली रूपरेखा विकृत हो गई। पिछले जीएसटी कलेक्शन में सेस फंड पर्याप्त नहीं था, इसलिए राज्यों को 14 फीसदी का मुआवजा नहीं मिला। जब हम आवश्यक सेस एकत्र करते हैं, तो हम मुआवजे की दर का सम्मान करेंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स कम करने के लिए ओरिजनल जीएसटी फ्रेमवर्क को तोड़ा-मरोड़ा गया। धीमी अर्थव्यवस्था पर उन्होंने कहा कि बड़े प्रोत्साहन के लिए काम किया जा रहा है, मेरा ध्यान उसे सुनिश्चित करना है।
उन्होंने कहा कि हर नागरिक के पास अपना घर हो, घर में शौचालय और बिजली हो, इस पर सरकार का खास ध्यान है। हर नागरिक स्वस्थ हो। उन्होंने कहा कि सरकार का दृष्टिकोण घरों, ऊर्जा और कौशल है। उन्होंने कहा कि अगले 5 सालों के लिए 100 लाख करोड़ रुपये है। यह एक व्यापक तस्वीर है।
उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं सोचना चाहती कि मैंने जो किया वो काफी है। मैं यह दूसरों से जानना चाहती हूं। टैक्स प्रणाली काफी आसान हुई है और उत्पीड़न मुक्त हुई है। पर्सनल टैक्स रेट में कटौती उन कदमों में से एक है जिनके बारे में हम सोच रहे हैं।